Tuesday, March 2, 2010

साथी

बड़ी उम्मीदों से
मैं तुम में तलाशती हूँ
एक साथी
और नाउम्मीद हो जाती हूँ हर बार
एक पुरुष को पाकर
--संध्या नवोदिता

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