देश के तीन सौ राजनीतिक दलों ने आज तक कभी आयकर रिटर्न दाखिल ही नहीं किया है। यह बात आयकर विभाग की जांच में सामने आई है। चुनाव आयोग ने अब आयकर विभाग को उन्हें नोटिस जारी करने को कहा है। आयोग ने केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड [सीबीडीटी] को आयकर और मनी लांड्रिंग कानूनों के कथित उल्लंघन के मामले में इन राजनीतिक दलों की वित्तीय स्थिति का पता लगाने के लिए कहा था। आयकर विभाग ने आयोग को जांच रिपोर्ट सौंप दी है।
सीबीडीटी की आकलन शाखा द्वारा तैयार इस रिपोर्ट में कहा गया है कि कई राजनीतिक पार्टियों के पास परमानेंट अकाउंट नंबर [पैन] भी नहीं है। चुनाव आयोग ने इस साल की शुरुआत में जांच के लिए सीबीडीटी के पास संदिग्ध राजनीतिक दलों की सूची भेजी थी। आरोप लगाया गया था कि लोग कर के भुगतान से बचने के लिए बड़ी संख्या में इस प्रकार की राजनीतिक पार्टियों का संचालन कर रहे हैं क्योंकि इन पार्टियों को दिया गया दान आयकर भुगतान के दायरे से बाहर है।
चुनाव आयोग ने आयकर विभाग को आयकर अधिनियम के नवीनतम प्रावधानों के तहत इन छोटे राजनीतिक दलों के खिलाफ जांच तेज करने और कारण बताओ नोटिस जारी करने को कहा है। साथ ही आयोग ने विभाग को इनके द्वारा जुटाई की गई धनराशि के स्रोतों और खर्च के विवरण का भी पता लगाने के लिए कहा है। रिपोर्ट में तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल और पूर्वोत्तर राज्यों समेत कुल 13 राज्यों की छोटी राजनीतिक पार्टियों के आयकर रिटर्न की जांच का उल्लेख है। इस जांच अभियान में शामिल एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि शेष राज्यों के इस तहत के राजनीतिक दलों की स्थिति का ब्योरा जल्द ही चुनाव आयोग को मुहैया करा दिया जाएगा। आयकर विभाग ने अपनी जांच रिपोर्ट में इन राजनीतिक पार्टियों को 20 हजार से अधिक रुपये के दाताओं का भी पता लगाया है। चुनाव आयोग में पंजीकृत राजनीतिक पार्टियों की संख्या 1200 के करीब है। मुख्य चुनाव आयुक्त एस.वाई कुरैशी ने पूर्व में कहा था कि पंजीकृत राजनीतिक दलों में 75 से 80 फीसदी ने बीते कई सालों से किसी भी चुनाव में भाग नहीं लिया है। - साभार दैनिक जागरण
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