शहीद भगत सिंह साम्राज्यवाद के खिलाफ भारतीय जनता के संघर्ष
के सबसे उज्जवल नायकों में से एक रहे हैं. तेईस वर्ष की छोटी उम्र में
शहीद होने वाले इस नौजवान को भारतीय जनता एक ऐसे उत्साही देशप्रेमी नौजवान
के रूप में याद करती है जिसने ब्रिटिश साम्राज्यवाद से समझौताविहीन लड़ाई
लड़ी और अंत में अपने ध्येय के लिए शहीद हुआ. लेकिन अपेक्षाकृत कम ही लोग
भगत सिंह एवं उनके क्रांतिकारी साथियों के विचारों से सही मायनों में
परिचित हैं. भगत सिंह एवं उनके साथियों के लेख एवं दस्तावेजों का व्यापक
रूप से उपलब्ध न होना इसकी एक बड़ी वजह रहा है और हमारे आज के शासकों के
लिए भी यही मुफीद है कि भगत सिंह के क्रांतिकारी विचारों को जनता के सामने न
आने दिया जाये. क्योंकि भगत सिंह के लेख एवं दस्तावेज मनुष्य द्वारा
मनुष्य के शोषण की व्यवस्था के बारें में सही और वैज्ञानिक समझ विकसित करते
हैं और इसके खिलाफ जनता की लड़ाई को सही दिशा देते हैं. भगत सिंह उन विरले
विचारकों में से थे जो उस समय ही यह बात जोर देकर कह रहे थे कि केवल
अंग्रेजों के भारत से चले जाने से ही आम जनता की स्थिति में कोई बदलाव नहीं
आएगा जब तक की इस शोषणकारी व्यवस्था को न बदला जाय. हम यहाँ भगत सिंह
द्वारा लिखित लेखों एवं दस्तावेजों के लिंक पीडीएफ फॉर्मेट में प्रस्तुत कर
रहे हैं.
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